Saturday, November 12, 2011

जरासे जरासे


गुपित राहिले ना इशारे जरासे
कशाला हवे मग अडोसे जरासे?....

तयांच्या तशा त्याच गप्पांमधूनी
मनाने कसे ह्या रिझावे जरासे?

मला भेटताना लपूनी-छपूनी
तुझे नेहमीचे बहाणे जरासे.... ३

असा स्पर्श व्हावा तुझा वाटते की
तुलाही मिळावे दिलासे जरासे.... ४

असो पावसाळे वयाचे कितीही
धनुष्यात रंगच दिसावे जरासे.... ५

'इथे' सर्व काही मिळाले तरीही
मिळावे 'तिथे'ही जरासे जरासे.... ६
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वृत्त  -- भुजंगप्रयात
लगावली -- लगागा  लगागा लगागा  लगागा
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